माँ | by Shampa Bala
माँ
सुबह से रात तक लगातार लगी रहती हो,
माँ क्या तुम कभी नहीं थकती हो?
सबकी ख़ुशी, बच्चों का सपना, सब तेरे बन जाते है,
माँ क्या कभी हम सब तेरी ख़ुशी का कारण बन पाते है?
तेरा चेहरा हमेशा खुशनुमा दिखाई देता है,
माँ क्या तुम्हें कभी कोई दुःख नहीं होता है?
रिश्तों को भी तुम बखूबी निभाती हो,
माँ क्या अपनी उदासी किसी को बताती हो?
सरहद पर तैनात जवानों को भी छुट्टी मिल जाती है,
माँ क्या तेरे मन की व्यथा कभी शांत रह पाती है?
कितनी अच्छी तरह सब कुछ सम्भालती हो,
माँ क्या कभी खुद को समय दे पाती हो?
- Shampa"Jyoti"
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